कौशांबी में कब्र से निकल कर मुर्दे ने मांगा दहेज, पुलिस ने दर्ज की एफआइआर

 कौशांबी में पुलिस कितनी सक्रिय है, इसका अनुमान लगाना बेहद ही मुश्किल है। यहां पर पुलिस कब्र में दफन मुर्दा के खिलाफ केस दर्ज कर लेती है।कौशांबी में दहेज उत्पीडऩ के मामले में मुर्दे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की यह दास्तान कोखराज थाना क्षेत्र के छीतापुर गांव की है। कौशांबी में 11 वर्ष बाद कब्र से निकल कर एक मुर्दे ने बहू को न केवल प्रताडि़त किया, बल्कि उससे दहेज की मांग भी की। कौशांबी पुलिस की कोर्ट को दी गई एक रिपोर्ट कुछ यही बयां कर रही है। इसी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने 11 वर्ष पहले दफनाए जा चुके मुर्दे सहित उसके परिवार के चार सदस्यों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज की ली है।कोखराज थाना क्षेत्र के हर्रायपुर गांव में दहेज उत्पीडऩ के आरोप में जिन चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया, उसमें चौंकाने वाली हकीकत सामने आई है। पुलिस की विवेचना में यह तथ्य सामने आया है कि आरोपित ससुर की कई साल पहले मौत हो चुकी है। वादी पक्ष की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे को अब पुलिस संदिग्ध मानकर जांच कर रही है।आलमचंद्र निवासी शकील के बेटी सूफिया का निकाह दो वर्ष पहले हर्रायपुर निवासी फिरोज के साथ हुआ था। सूफिया के मुताबिक निकाह के बाद से ही पति समेत ससुरालीजन उसे दहेज में पांच लाख रुपया नकदी और बाइक लाने के लिए प्रताडि़त करने लगे। मायके वालों के समझाने के बाद भी बात नहीं बनी। इस पर ससुरालियों ने उसे तीन माह पहले मारपीट कर घर से भगा दिया। पीडि़ता ने थाने से लेकर आला अफसरों से शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इस पर सूफिया ने अदालत का सहारा लिया।कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने 15 नवंबर को फिरोज समेत ससुर सिराजउद्दीन, सास आयशा व देवर बिक्कल के खिलाफ केस दर्ज किया। गौर करने वाली बात यह है कि पुलिस ने जब मामले की विवेचना शुरू की तो पता चला आरोपित ससुर सिराजउद्दीन की 11 वर्ष पहले मौत हो चुकी है। कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए 15 नवंबर को कोखराज थाना पुलिस ने मृतक सिराजुद्दीन सहित चारों आरोपियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया। मुकदमा दर्ज करने के बाद, पुलिस जब कार्रवाई के लिए गांव पहुंची तो उसे पता चला कि सिराजुद्दीन की मृत्यु 11 वर्ष पहले ही हो चुकी है। इस संबंध में थाना प्रभारी हेमंत मिश्र का कहना है कि विवेचना में ससुर मृतक पाया गया है। उसका नाम मुकदमे से हटाया जाएगा। पुलिस ने जिस आरोपी सिराजुद्दीन के खिलाफ दहेज उत्पीडऩ का मुकदमा दर्ज किया है, उसकी पत्नी आयशा बेगम बताती है कि उसके पति सिराजुद्दीन की मौत 11 वर्ष पहले हो चुकी है। भला वो कैसे दहेज के लिए बहू को प्रताडि़त कर सकते है। इतना ही नहीं, मृतक की पत्नी आयशा ने अपने पति का मृत्यु प्रमाणपत्र भी दिखाया, जिसमें उसके पति की मौत की तारीख 12 दिसंबर 2008 को दर्शाई गई है। आरोप है कि बहू सूफिया बेगम खुद ही ससुराल में नही रहना चाहती थी। मायके जाने के बाद उसने यह धमकी भी दी थी कि अगर उसे छह लाख रुपये नहीं दिए तो वह पूरे परिवार को झूठे मुकदमे में फंसा देगी।