प्रयागराज। प्रोफेसर राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जू भइया राज्य विश्वविद्यालय की विधि सेमेस्टर परीक्षा के आखिरी दिन सोमवार को एक मुन्ना भाई पकड़ा गया। वह दूसरे की जगह परीक्षा दे रहा था। इसके बाद परीक्षा दे रहे छात्रों ने जमकर बवाल कर दिया है। उग्र हुए छात्रों ने बाहर निकल कर सड़क पर रास्ताजाम कर दिया। वाहनों में तोड़फोड़ की और राहगीरों के साथ भी अभद्रता की जा रही है। सूचना पर पहुंची पुलिस छात्रों के आक्रोश को देख शांत रही। बाद में काफी संख्या में फोर्स के साथ अफसर भी पहुंचे। वह आक्रोशित छात्रों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
बता दें कि प्रोफेसर राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जू भइया राज्य विश्वविद्यालय की विधि सेमेस्टर की परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। जी. सिंह लॉ कॉलेज का केंद्र कुलभास्कर आश्रम डिग्री कॉलेज में बनाया गया है। सोमवार को परीक्षा का आखिरी दिन था। सुबह निर्धारित समय से परीक्षा शुरू हुई। इसी दौरान कुलभाष्कर काॅलेज का अंतरिक उडऩ दस्ता भी सक्रिय था। छात्रों की तलाशी ले रहा था। इसी दौरान एक युवक को शक के आधार पर उड़न दस्ता की टीम ने पूछताछ की। पहले तो वह इधर-उधर की बात कहने लगा। कड़ाई से पूछताछ पर पता चला कि वह तो मुन्नाभाई है, जो दूसरे छात्र की जगह परीक्षा दे रहा था। उसका नाम कृष्णा यादव बताया जा रहा है, जो वाराणसी का निवासी है।
फर्जीवाड़ा करने पर उड़न दस्ता की टीम ने उसे पकड़ लिया और कॉपी व पेपर छीन लिया। उसे कैंपस में पुलिस के हवाले कर दिया गया। मुन्नाभाई ने बताया कि वह 10 हजार रुपये लेकर परीक्षा दे रहा था। उसने यह भी स्वीकार किया कि दूसरे की जगह पैसे लेकर कई परीक्षाएं दे चुका है।
इधर मुन्नाभाई के पकड़े जाने के बाद परीक्षा दे रहे अन्य छात्र उग्र हो गए और परीक्षा छोड़कर कक्ष से बाहर निकल गए। नारेबाजी और हो-हल्ला करने के बाद वह सड़क पर पहुंचे और विरोध स्वरूप रास्ताजाम कर दिया। आने-जाने वाले राहगीरों से अभद्रता के साथ ही कुछ वाहनों के शीशे तोड़ डाले। छात्रों के हंगामे की सूचना पर पहुंची कई थानों की फोर्स भी उन्हें रोक न सकी। इससे परीक्षा भी बाधित रही। बाद में भारी फोर्स के साथ पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को कंट्रोल करने का प्रयास किया। कुलभाष्कर कॉलेज का प्रशासन भी छात्रों के गुस्सा को शांत करने का प्रयास कर रहा है।
विरोध प्रदर्शन कर रहे आक्रोशित छात्रों का आरोप है कि नकल कराने के लिए यहां रिश्वत की मांग की गई थी। जब रिश्वत की मांग पूरी नहीं की गई तो छात्रों को बार-बार चेकिंग के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा था। छात्रों ने आरोप लगाया कि परीक्षा के दौरान चेकिंग के नाम पर उनके अंडर गारमेंट्स भी उतरवा लिए जा रहे थे।